बरेली। पवित्र श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही नाथनगरी बरेली शिवभक्ति में सराबोर होने लगी है। पहले ही दिन से शहर की फिजाओं में ‘हर-हर महादेव‘ और ‘बोल बम‘ के जयघोष गूंज रहे हैं। शिवभक्तों की टोलियां गंगाजल से भरी कांवड़ लेकर बदायूं कछला घाट से चलकर बरेली पहुंचने लगी है। आस्था एवं विश्वास के रंग ऐसे कि हर तरफ माहौल में भक्ति का ज्वार नजर आ रहा है।
सावन के पहले दिन की सबसे खास और श्रद्धा से ओतप्रोत झलक उस समय देखने को मिली जब 51 लीटर गंगाजल से भरी विशेष कांवड़ लेकर एक टोली धोपेश्वरनाथ मंदिर पहुंचने को निकली। यह टोली पूरे मार्ग में शिवभक्ति और आस्था की मिसाल बन गई। HNI की टीम ने कांवड़ रूट का जायजा लिया तो माहौल शिवमय दिखाई दिया। प्रशासनिक टीमें सावन के प्रथम सोमवार को कांवड़ियों की भारी भीड़ के आंकलन के साथ जरूरी इंतजामों में जुटी नजर आईं।
उमस-बढ़ती गर्मी भी आस्था के सामने बेअसर
भारी गर्मी और उमस के बावजूद शिवभक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। कांवड़ यात्रा मार्गों पर भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। बरेली–मथुरा रोड से लेकर बदायूं के गंगा कछला घाट तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटे हैं। प्रशासन को भी इस भारी भीड़ की भनक पहले ही लग चुकी थी। बरेली और बदायूं प्रशासन ने मिलकर यात्रा मार्गों पर व्यापक इंतजाम किए हैं। रविवार शाम से ही बरेली शहर में ट्रैफिक डायवर्जन प्लान लागू कर दिया गया है।
कांवड़ मार्ग पर चाक-चौबंद सुरक्षा
कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर पुलिस, पीएसी और आरएएफ की तैनाती कर दी गई है। बरेली-मथुरा मार्ग पर जगह-जगह प्रशासनिक शिविर लगाए गए हैं, जहां भोजन, चिकित्सा, विश्राम और प्राथमिक सहायता की व्यवस्था की गई है। कांवड़ रूट की सुरक्षा को पुलिस, पीएसी के साथ आरएएफ भी मुस्तैद नजर आएगी। सावन के पहले सोमवार को जब बरेली में गंगाजल लेकर बड़ी संख्या में कांवड़ जत्थे पहुंचेंगे, तो प्रशासन पूरी मुस्तैदी से सुरक्षा इंतजामों में जुटेगा। भारी वाहनों की शहर में एंट्री रविवार शाम से ही बंद रहेगी।
श्रद्धा की मिसाल बनी 51 लीटर जल वाली कांवड़
कांवड़ लेकर आए एक युवा भक्त ने बताया कि यह इस वर्ष की पहली विशेष कांवड़ है, जो 51 लीटर गंगाजल लेकर धोपेश्वरनाथ में जलाभिषेक करेगी। उन्होंने कहा— “यह सिर्फ एक जल पात्र नहीं, हमारी आस्था और शिवभक्ति का प्रतीक है। यह यात्रा नहीं, हमारा समर्पण है।