बरेली। एंटी करप्शन की टीम ने बरेली के फरीदपुर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर सुनील वर्मा को 10 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब दरोगा एक केस की धाराएं कमजोर करने और कार्रवाई टालने के नाम पर पीड़ित से नगद पैसे वसूल रहा था।
भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ओर से बताया गया है कि पीड़ित रेहान अंसारी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि दरोगा सुनील कुमार वर्मा उसकी ओर से दर्ज केस की धाराएं कम करने और अभियुक्तों को लाभ पहुंचाने की धमकी देकर उससे रुपयों की मांग कर रहा है। शिकायत मिलते ही टीम ने रणनीति के तहत जाल बिछाया और सुनील वर्मा को रिश्वत लेते वक्त रंगे हाथ पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी दरोगा को लेकर टीम ने पूछताछ की और उसके खिलाफ आवश्यक धाराओं में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर लिया है। फरीदपुर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर सुनील वर्मा पर आरोप है कि वह एक केस को कमजोर करने और आरोपी को राहत देने के नाम पर पैसे की मांग कर रहा था। भगवंतापुर गांव के रहने वाले पीड़ित रेहान अंसारी नाम ने शिकायत की थी कि दरोगा लगातार कार्रवाई के नाम पर टालमटोल कर रहा था और पैसों के लिए उसे थाने के चक्कर कटवा रहा था। परेशान होकर रिहान ने मामले की शिकायत एंटी करप्शन यूनिट बरेली की, जिसके बाद एक्शन लिया गया।

आरोपी दरोगा सुनील वर्मा मूल रूप से बिजनौर के रसीदपुर गढ़ी गांव का निवासी है। वर्तमान में वह रामपुर के विष्णु विहार क्षेत्र में रह रहा था और उसकी तैनाती बरेली के थाना फरीदपुर में चल रही थी। आरोपी सब इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बता दें कि सीओ एंटी करप्शन यशपाल सिंह के नेतृत्व में टीम बरेली मंडल के अंदर दर्जनों भ्रष्टाचारी कर्मचारियों को जेल भेज चुकी है। रिश्वत के सबसे ज्यादा मामले में राजस्व, चकबंदी और पुलिस विभाग में सामने आए हैं। लगातार कार्रवाई के बाद भी विभागों में रिश्वत का खेल नहीं रुक रहा, यह शासन की चिंता का विषय है। सीएम योगी भ्रष्टाचार के मामलों में बेहद सख्त रवैया अपना रहे हैं। लगातार निलंबन और गिरफ्तारी के मामले में योगी राज में होते देखे जा रहे हैं।