बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) बरेली में आयोजित 11वें दीक्षांत समारोह में देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मेधावी छात्रों को मेडल वितरित किए और वेटनरी साइंस के विद्यार्थियों को पशु कल्याण एवं कृषि क्षेत्र में नवाचार और समाजसेवा के लिए प्रेरित किया।
आईवीआरआई के सभागार में आयोजित भव्य दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “भारत की संस्कृति हमेशा से बेजुबान पशुओं के प्रति संवेदनशील रही है। इंसान और पशु का संबंध सिर्फ उपयोग तक सीमित नहीं, बल्कि पारिवारिक रहा है।” उन्होंने कहा कि वेटनरी साइंस का काम सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह मानवीय जिम्मेदारी है। कई पशु प्रजातियों के विलुप्त होने के पीछे कुछ हानिकारक रसायनों का भी योगदान हो सकता है, जिन्हें प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने IVRI के 135 वर्षों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि, “संस्थान ने विज्ञान, अनुसंधान और पशु चिकित्सा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है। यह सराहनीय है कि बेटियां भी इस क्षेत्र में उत्कृष्टता की ओर अग्रसर हैं। यह समाज में परिवर्तन का प्रतीक है।”
ज्ञान-अनुसंधान से देश् की तरक्की में हाथ बंटाएं युवा: शिवराज
समारोह में उपस्थित केंद्रीय कृषिमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान और अनुसंधान से देश की समृद्धि में योगदान दें। “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को साकार करने में आईवीआरआई जैसी संस्थाओं की अहम भूमिका है। यहां से निकलने वाले विद्यार्थी कृषि व पशुपालन में नई ऊंचाइयां छू सकते हैं,” उन्होंने कहा।
“मूक पशु की आवाज बनें वैज्ञानिक ”: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति के आगमन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि “नाथ नगरी बरेली की पहचान झुमके से नहीं, बल्कि इसकी गौरवशाली पौराणिक विरासत से है।” उन्होंने कहा कि “आईवीआरआई न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश को लाभान्वित कर रहा है। कोविड-19 के कठिन समय में संस्थान की भूमिका सराहनीय रही। गौवंश में बीमारी फैलने पर आईवीआरआई की टीम ने तत्काल पहुंचकर इलाज और वैक्सीन के जरिए चमत्कारी परिणाम दिए। मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि जब संकट आता है तभी असली पहचान होती है कि हम कैसे उसका सामना करते हैं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को उद्धृत करते हुए कहा, “आदमी को चाहिए कि वह परिस्थितियों से लड़े।”
नंबर नहीं, मेहनत मायने रखती है: आनंदीबेन पटेल
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेडल न पाने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जीवन में एक या दो नंबर से कोई फर्क नहीं पड़ता, असली फर्क लगन और प्रयास से पड़ता है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री चाहते हैं कि देश के सभी संस्थानों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा हो। रिसर्च का लाभ समाज, किसानों और महिलाओं तक पहुंचे, यह हमारी जिम्मेदारी है।”
गणमान्यजनों की उपस्थिति में भव्य आयोजन
समारोह में झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक डॉ. मांगीलाल जाट, आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त सहित देशभर से वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी और अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे। इससे पहले विशेष विमान से सुबह त्रिशूल एयरबेस पहुंचने पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने स्वागत किया। आईवीआरआई के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू गोरखपुर एम्स के र्कायक्रम में शामिल होने को रवाना हो गईं।