बरेली। दिल्ली-लखनऊ के मध्य बरेली में खुशलोक हॉस्पिटल ने कोलेन्जियोस्कोपी की सुविधा शुरू की है। इससे मरीजों की पित्त नली में पथरी का निदान आसानी से संभव होगा। हॉस्पिटल में एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी मरीजों के लिए उपलब्ध है। संस्थान की ओर से प्रेस कांफ्रेंस कर इस बारे में जानकारी दी गई है।
हॉस्पिटल के एम डी डा. विनोद पागरानी ने मीडिया को बताया कि कोलेन्जियोस्कोप बरेली में लखनऊ से दिल्ली के बीच पहली मशीन है जो कि खुशलोक हॉस्पिटल में उपलब्ध है। इससे पित्त की नली की बड़ी से बड़ी पथरी, जो कि प्रचलित विधि ईआरसीपी द्वारा भी नही निकलती है, उसे दूरबीन द्वारा कोलेन्जियोस्कोपी विधि से लेजर के द्वारा निकालना अब बरेली में खुशलोक हॉस्पिटल में सम्भव है। रोगी को सीबीडी नली के आपरेशन की आवश्यकता नही पड़ेगी। सीबीडी नली की जांचें जैसे बायप्सी इत्यादि में भी ये विधि लाभकारी है।
डा. पीयूष मिश्रा ने बताया कि एक अन्य तकनीक जिसे एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड कहते हैं, इसके द्वारा खाने की नली के जरिये पेट का अल्ट्रासाउंड किया जाता है व बीमारी का सही पता लगाया जाता है, जिससे रोगी के इलाज में मदद मिलती है। डा. कपिल चक्रवर्ती ने जानकारी दी कि एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड और कोलेनजियोस्कोपी गैस्ट्रो सर्जन के लिए कैसे सहायक है? इससे सटीक निदान और स्टेजिंग में मदद सर्जिकल योजना बनाने में और उपचार में सहायता मिलती है। एक तरह से यह सर्जरी से पहले के पुल का काम करती है।
उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल का गैस्ट्रो डिपार्टमेंट आधुनिक उपकरणों व तकनीक से पूरी तरह सुसज्जित है व पेट से सम्बंधित हर प्रकार की जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज हम कर रहे हैं। डा. पागरानी ने कहा कि खुशलोक हॉस्पिटल में पेट के दो विशेषज्ञ चिकित्सक फुल टाइम उपलब्ध हैं, जिनमे डॉ पीयूष मिश्रा डी एम गैस्ट्रो फिजिशियन (पूर्व विशेषज्ञ एस जी पी जी आई लखनऊ) व डॉ कपिल चक्रवर्ती एम सी एच गैस्ट्रो सर्जन (पूर्व विशेषज्ञ आई एल बी एस,दिल्ली) हैं। इसके अतिरिक्त हॉस्पिटल में बहुत ही एडवांस तकनीक के चिकित्सक व मशीने उपलब्ध है। पेट, लिवर,पैंक्रियाज व आंतों से सम्बंधित सभी बीमारियां व कैंसर की बीमारी का भी इलाज सबसे एडवांस तकनीक द्वारा हॉस्पिटल में लगातार किया जा रहा है।