बरेली। कांग्रेस की टिकट पर बरेली की बिथरी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं अलका सिंह की कोठी पर ईडी ने छापेमारी की है। अलका सिंह के पति दिनेश प्रताप सिंह (डीपी सिंह) उत्तराखंड के सीनियर पीसीएस अधिकारी हैं और वहां हुए सैकड़ों करोड़ के भूमि अधिग्रहण घोटाले में मुख्य अभियुक्त रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद लंबे समय जेल में रहकर डीपी सिंह अब जमानत पर बाहर हैं। प्रवर्तन निदेशालय की टीमें पांच गाड़ियों में भरकर बरेली पहुंचीं और दिनेश प्रताप की इंटरनेशल सिटी स्थित कोठी के ताले तोड़कर लंबी छानबीन की। ED की छापेमारी बरेली के लावा चंडीगढ़ और देहरादून में भी होने की खबर है।
ईडी की टीम सुबह इंटरनेशनल सिटी स्थित डीपी सिंह-अलका सिंह की कोठी पर पहुंची तो वहां ताला पड़ा मिला। ताले तोड़कर टीम को अंदर जाना पड़ा। बताया जा रहा है कि दिनेश प्रताप काफी समय से इस आवास पर नहीं रह रहे हैं। जानकारी के अनुसार, ईडी की कार्रवाई का सीधा संबंध उत्तराखंड के राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के भूमि अधिग्रहण घोटाले से है, जिसमें दिनेश प्रताप सिंह मुख्य आरोपी रहे हैं। ऊधमसिंह नगर जिले में गदरपुर के आसपास वर्ष 2011 से 2016 के बीच कृषि भूमि को गैर–कृषि दिखाकर मुआवजे के 240 करोड़ रुपये से अधिक का खेल किया गया था। नवंबर 2017 में एसआईटी ने डीपी सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा और 15 माह बाद हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा हुए थे।
दिनेश प्रताप की पत्नी अलका सिंह ने वर्ष 2022 में बिथरी चैनपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इससे पूर्व अलका सिंह भाजपा में भी रहीं। भाजपा से टिकट न मिलने पर कांग्रेस में कूद गई थीं। डीपी सिंह के पत्नी के चुनाव खर्च के बजट में काली कमाई खपाने का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है। उनके द्वारा अलग अलग जगहों पर करोड़ों की चल अचल संपत्ति खरीदे जाने की भी चर्चा है। जानकारी ये भी सामने आई है कि डीपी सिंह की बेटी अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि डीपी सिंह की कोठी पर पिछले एक साल से कोई नहीं आया है।