बरेली। मंदिर में बिजली चोरी की एफआईआर ने बरेली में बखेड़ा खड़ा दिया है। वैसे केस मंदिर के महंत पर दर्ज किया गया है और मामला भी पुराना है, लेकिन थाना एंटी पावर थैफ्ट का नोटिस सामने आने से हिन्दू संगठन भड़क गए हैं और पावर कॉरपोरेशन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए विरोध में मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया पर बरेली से लखनऊ तक इसे लेकर आवाज उठाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग करते हुए हिन्दूवादी लोग मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
बिजली से जुड़ा यह मामला बरेली में सुपरसिटी स्थित मां दुर्गा मंदिर का है, जिसे लेकर हिन्दू संगठन संगठन उद्देलित नजर आ रहे हैं। दरअसल, बरेली के एंटी थैप्ट थाना प्रभारी अरुण कुमार की ओर से मंदिर के महंत सुभाष चंद्र झा को मुकदमा अपराध संख्या 2994/ 25 धारा 135 के तहत नोटिस भेजा गया था, जिसमें जुर्माना जमा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। नोटिस में 11 अप्रैल 2025 को सर्किट हाउस के सामने स्थान एंटी थैप्ट थाने में उपस्थित होने को कहा गया था।
बिजली प्रकरण का यह मामला अब हिन्दू संगठनों की जानकारी में आया तो इसके विरोध में लामबंद हो गए। हिन्दूवादी लीडर रामजी राजावत ने सोशल मीडिया साइट X पर मंदिर मामले में जारी किए गए नोटिस के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सीएम कार्यालय, बरेली से लेकर लखनऊ तक पावर कॉरपोरेशन के अफसरों को ट्वीट किया है। रामजी राजावत ने लिखा है कि बरेली मे एक मंदिर पर बिजली मीटर न होने के कारण एफआईआर दर्ज की जाती है – अगर कानून सभी पर लागू होता है तो यह उचित है। लेकिन क्या बिजली बोर्ड अन्य धार्मिक स्थलों के खिलाफ भी यही कार्रवाई करने की हिम्मत करेगा? या यह चुनिंदा निशाना सांप्रदायिक पूर्वाग्रह से प्रेरित है?
मंदिर मामले में X के यूजर बड़ी संख्या में प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। हिमांशु खुल्वे ने लिखा है- Dear Electricity Board, You filed an FIR against a temple for not having a meter, but remain silent on many mosques openly using power without one. Selective enforcement isn’t law—it’s bias. We demand fairness, not fear। हिन्दू जागरण मंच बरेली के युवा जिलाध्यक्ष हिमांशु पटेल ने रामजी राजावात की पोस्ट को रिट्वीट किया है। हिमांशु पटेल ने HNI से फोन पर बातचीत में कहा कि हजारों हिन्दुओं की आस्था से जुड़े मां दुर्गा मंदिर को लेकर इस तरह कार्रवाई सही नहीं है। पॉवर कॉरपोरेशन को समान व्यवहार करना चाहिए और मंदिर मामले में पक्षतापूर्ण कार्रवाई प्रतीत हो रही है। यूजर कविता भारतीय लिखती हैं- यह मामला बरेली में मंदिर पर बिजली मीटर न होने के कारण दर्ज FIR और संभावित सांप्रदायिक पक्षपात की जांच की मांग उठाता है। राजेश तिवारी का ट्वीट है: कानून सब पर बराबर लागू हो, तभी न्याय और विश्वास कायम रहता है चुनिंदा कार्रवाई सवाल खड़े करती है। अष्टभुजा शुक्ला का कहना है कि अगर कानून समान रूप से लागू होता है तो सभी धार्मिक स्थलों के खिलाफ समान कार्रवाई होनी चाहिए। चुनिंदा कार्रवाई सांप्रदायिक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो उचित नहीं है।
X यूजर अनिल भाकर, पुष्पा उपाध्याय, नर्मदा, पंकज सक्सेना, नितीश वर्मा, रामकुमार शर्मा, द्वारिका दइया, ललित ज्याणी, श्रीष त्रिपाठी, छत्रपाल सोलंकी, ओमप्रकाश, रेखा चौबे, आलोक तिवारी, पूनम केसरी सहित बड़ी संख्या में लोग बरेली के इस मामले पर मुखर होकर अपनी राय रख रहे हैं। पहला मौका नहीं है, जब धर्मस्थलों में बिजली को लेकर ऐसे विवाद बरेली में सामने आया हो। इससे पहले नगर निगम में नाथ नगरी बरेली के एक मंदिर को बिजली बिल जमा करने का नोटिस भेजा था, जिसे लेकर हिन्दू संगठनों ने मोर्चा खोल दिया था। हालांकि, बाद में नगर निगम अफसरों ने कार्यालय की त्रुटि बताकर कहा था कि मंदिर को नोटिस गलती से जारी हो गया, मामला पड़ोस की दूसरी इमारत का था। अब बरेली में सुपर सिटी स्थित मां दुर्गा मंदिर मामले में एंटी पावर थैप्ट थाने से नोटिस का मामला गरमाता दिखाई दे रहा है।