बरेली। हिन्दी साहित्य में डॉक्टरेट के बाद शिक्षा के प्रोफेशन में आए पीलीभीत के डॉ. रजनीश गंगवार अजब झमेले में फंस गए हैं। बरेली में बहेड़ी स्थित एमजीएम कॉलेज में सहायक अध्यापक के पद तैनात इन टीचर ने प्रार्थना के समय बच्चों को खास कविता सुनाई थी। कविता में पढ़ाई-ज्ञान के उपदेश तक रहते तो ठीक मगर गुरु रजनीश नौनिहालों को कांवड़ लेने मत जाने की नसीहत देकर विवादों में फंस गए। कांवड़ पर टिप्पणी को गलत बताते हुए हिन्दूवादी संगठनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोलकर एफआईआर भी दर्ज करा दी है। वहीं, टीचर रजनीश गंगवार कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है और बच्चों में शिक्षा सर्वप्रथम का विचार पर वह आज कल और आगे भी कायम रहेंगे।
टीचर रजनीश की कविता पर विवाद पर रार-तकरार तब शुरू हुई, जब उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। एमजीएम इंटर कॉलेज बहेड़ी में प्रार्थना के समय टीचर का वीडियो सामने आते ही हिन्दूवादी संगठन मुखर होकर मैदान में आ गए और शिक्षक रजनीश गंगवार के खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दी। हिन्दू संगठनों की नाराजगी के बीच थाना बहेड़ी पुलिस ने महाकाल सेवा समिति की शिकायत पर थाना बहेड़ी पुलिस ने आरोपी टीचर रजनीश गंगवार के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी मामले में केस दर्ज कर लिया है। सीओ बहेड़ी अरुण कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि अभियोग पंजीकृत कर पुलिस आगे की विधिक कार्रवाई में जुटी है।
हिन्दू जागरण मंच (युवा) जिलाध्यक्ष हिमांशु पटेल, योगी गुर्जर, मंजुल मयंक श्रीवास्तव, प्रसून कुमार, अजय शर्मा, रविन्द्र पटेल समेत तमाम हिन्दूवादियों ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि टीचर रजनीश गंगवार धर्म और समाज को लेकर और भी कुछ शिक्षा दे सकते थे, लेकिन उन्होंने जानबूझकर कांवड़ न लाने की टिप्पणी की है, जिससे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। हिन्दूवादी लोगों का कहना है कि क्लास छोड़कर बच्चे नमाज पढ़ने जाते हैं, रमजान भी होते हैं लेकिन टीचर ने उसे लेकर तो कोई टिप्पणी नहीं की। सावन में कांवड़ यात्रा को लेकर उन्होंने गलत बोला है और इस इस मामले में टीचर के खिलाफ कड़ा एक्शन होना चाहिए।
दूसरी ओर, हिन्दू संगठनों के स्तर से कार्रवाई की मांग उठने के बाद आरोपी टीचर रजनीश गंगवार ने सोशल मीडिया पर अपना सफाई पत्र जारी किया है। सोशल मीडिया साइट facebook पर जारी पत्र में गुरु रजनीश लिखते हैं-
“ मैं डॉ.रजनीश गंगवार, एमजीएम इंटर कॉलेज बहेड़ी में स्थाई रूप से अध्यापन कार्य कर रहा हूं। मैं कालेज में NSS कार्यक्रम अधिकारी एवं विभागीय गतिविधियों का नोडल अधिकारी भी हूं। १२ जुलाई २०२५ को मेरे द्वारा प्रार्थना सभा में छात्र-छात्राओं की कक्षा में कम उपस्थित रहने एवं अध्ययन के प्रति काव्यपाठ कर जागरूक करने के लिए प्रेरित किया था। कई छोटे-छोटे छात्रों से पूछने पर पता लगता है कि छात्र कांवड़ लेने गया था जिससे कक्षा में अनुपस्थित था। इस कारण उसकी पढ़ाई बाधित होती है। मेरा उद्देश्य छोटे छात्रों को भीड़ में रोड पर न जाने, नशा न करने और कक्षा में प्रतिदिन उपस्थित रहने के प्रति जागरूक करना था। मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था । मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य से पीएचडी हूं और मैं कविताएं एवं लेख भी लिखता हूं जो समय-समय पर आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं समाचारपत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं”।
कविता की अंतिम पंक्तियां इस प्रकार हैं:
“ कांवड़ ढोकर कोई वकील,डीएम एसपी नहीं बना है।
कावड़ जल से कोई बनिया हाकिम वैद्य नहीं बना है।
कावड़ से बुद्धि-विवेक का तनिक विकास ना होगा।
भांग धतूरा गांजा सुल्फा मद से,कोई उद्धार ना होगा।
जाति-धर्म का नशा छोड़कर, स्व कल्याण करो तुम।
शिक्षालय-पुस्तकालय में पढ़,ज्ञान प्रगाढ़ करो तुम ।
सत् कर्मों से मानव सेवा कर, प्रेम का दीप जलाना ।
कावड़ लेने मत जाना,तुम ज्ञान का दीप जलाना ।
मानवता की सेवा करके,तुम सच्चे मानव बन जाना ”।।
“कुछ लोग मुझसे ईर्ष्या-द्वैष रखने के कारण मिथ्या आरोप लगाकर बदनाम कर रहे हैं।मेरा उद्देश्य सिर्फ छात्र-छात्राओं को शिक्षा के प्रति एवं उनके जीवन के उद्देश्यों के प्रति जागरूक करना है। मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई बहेड़ी का नगर अध्यक्ष हूं और मैं पिछले चार सालों से नगरपालिका परिषद बहेड़ी (नगरीय) में स्वच्छ भारत मिशन,भारत सरकार का ब्रांड एंबेसडर भी हूं”।
विवादों के घेरे में आए टीचर रजनीश गंगवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि साहित्य अकादमी पुरुस्कार विजेता स्व. वीरेन डंगवाल के शिष्य रहे हैं और उनके निर्देशन में ही साहित्य रिसर्च पूरी की है। हम शिक्षक हैं और शिक्षक का काम बच्चों की पढ़ाई के साथ उनके सर्वांगीण विकास की दिशा में सतत प्रयास करना। हम भी वही कर रहे हैं, जो एक टीचर को करना चाहिए। रही बात एफआईआर की तो जांच में सच सामने आ जाएगा। अपनी कविता, अपने नसीहत और शिक्षा पर वह आगे भी कायम रहेंगे। टीचर रजनीश गंगवार किसी दूसरे की लिखी कविता भी सुनाई है, जिसे उनके इंटरव्यू में सुना जा सकता है। फिलहाल आरोप-प्रत्यारोप के बीच बरेली के टीचर रजनीश गंगवार खासे सुर्खियों में नजर आ रहे हैं।