गली-गली ‘छांगुर’ … तबादले पर बरेली आए अलीगढ़ के जीआईसी के नेत्र दिव्यांग टीचर डॉ. प्रभात उपाध्याय मौलाना मजीद के जाल में फंसकर बन गए हामिद, जानें…खतना होने से पहले पुलिस ने कैसे दिलाई मुक्ति ?
जाकिर नाइक जैसे साजिशी मौलानाओं के लेक्चर सुनवाकर धर्मांतरण गिरोह कर रहा था हिन्दू नौजवानों का ब्रेनवॉश, बरेली पुलिस ने मदरसे की आड़ में चलाए जा रहे खतरनाक रैकेट का किया भंडाफोड़, चार गिरफ्तार, बाकी की तलाश
बरेली। यूपी की बरेली पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट के जाल में फंसे अलीगढ़ के नेत्र दिव्यांग जीआईसी शिक्षक प्रभात उपाध्याय को उस समय गिरोह के जाल से छुड़ाने में सफलता हासिल की है, जब मौलाना उनका खतना कराने जा रहा था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एमफिल-पीएचडी कर चुके ब्राह्मण परिवार के प्रभात उपाध्याय तबादले पर बरेली आकर कई राज्यों में रैकेट चलाने वाले मौलाना मजीद व उसके साथियों के जाल में फंस गए थे। जाकिर नाईक व कई पाकिस्तानी मौलानाओं की सीडी के जरिए ब्रेनबॉश कर प्रभात उपाध्याय का कन्वर्जन कराया जा चुका था और उनका नाम बदलकर हामिद रख दिया गया था।

पुलिस एक्शन में बरेली के एक अन्य हिन्दू परिवार के भी इस्लामिक धर्मांतरण की साजिश का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस कार्रवाई में मदरसा संचालक मौलाना अब्दुल मजीद व उसके गिरोह के तीन अन्य सदस्य गिरफ्तार हुए हैं, जबकि बाकी की तलाश जारी है। जांच में इस गिरोह के तमाम बैंक खाते व उनके जरिए हजारों ट्रांजिक्शन की सनसनीखेज जानकारी भी सामने आई है। मामले के पीछे विदेशी फंडिंग की आशंका जताई जा रही है।

छानबीन में पता लगा है कि मौलाना मजीद और उसके साथियों ने प्रभात उपाध्याय का इस कदर ब्रेनवॉश किया कि वह जाकिर नाइक और पाकिस्तान के कट्टर मौलानाओं के प्रवचनों के मुरीद हो गए थे । उन्होंने अपना नाम बदलकर ‘हामिद’ रख लिया और अपने परिवार से भी संपर्क तोड़ दिया।ब प्रभात की संदिग्ध गतिविधियों और उनसे टूटे पारिवारिक संपर्क को लेकर उनकी मां ने बरेली में अफसरों से शिकायत की। इस शिकायत के बाद पुलिस ने जब छापेमारी की तो धर्मांतरण के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ। पुलिस समय पर पहुंच गई, जिससे प्रभात का जबरन खतना होने से बच गया।
कई राज्यों तक फैला नेटवर्क
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने पहले भी कई लोगों को धर्मांतरण के लिए निशाना बनाया था। इनमें बरेली के ब्रजपाल साहू का नाम भी शामिल है। गिरोह का सरगना मौलाना अब्दुल मजीद है। छापेमारी में मजीद के साथ उसके तीन साथी—फहीम, आरिफ और सलमान को मौके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से धर्मांतरण से संबंधित साहित्य, सीडी और अन्य सामग्री बरामद की है। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि यह गैंग न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड, पांडिचेरी जैसे राज्यों से भी चंदा जुटाता था।

पुलिस जांच में सामने आया कि सुभाष नगर थाना क्षेत्र निवासी बृजपाल और उसके परिवार को इस गिरोह ने अपने जाल में फंसा लिया। मौलाना मजीद के जाल में फंसे ब्रजपाल का नाम बदलकर अब्दुल्ला रख दिया गया था, जबकि उसकी मां ऊषा रानी को अमीना और बहन राजकुमारी को आयशा बना दिया गया था। पहले बृजपाल का ब्रेनवॉश कर उसकी शादी एक मुस्लिम युवती से कराई गई। इसके बाद उसकी बहन को भी जाल में फंसाकर एक मुस्लिम युवक से निकाह करा दिया गया। बताया जा रहा है कि गिरोह के सदस्य लगातार संपर्क में रहकर परिवार को समझाते-बुझाते थे और धीरे-धीरे उनके विचार बदल दिए गए थे। पुलिस को मौलाना मजीद के बैंक खातों से हजारों ट्रांजैक्शन के प्रमाण मिले हैं, जिनसे विदेशी फंडिंग की आशंका गहराई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसियां अब गिरोह की पूरी फंडिंग और नेटवर्क की तहकीकात कर रही हैं। धर्मांतरण रैकेट से जुड़े बाकी सदस्यों की तलाश में पुलिस की ताबड़तोड़ दबिशें जारी हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले का दायरा बहुत बड़ा हो सकता है और जल्द ही कई और खुलासे होने की संभावना है।
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