बरेली। फर्जी दस्तावेज बनवाकर बरेली में रह रही एक पाकिस्तानी महिला आखिरकार बेनकाब हो ही गई।फरहत सुल्ताना, जो मूल रूप से कराची की रहने वाली है, को बरेली पुलिस के ऑपरेशन सर्च के तहत ट्रेस किया गया है। पुलिस के मुताबिक, फरहत ने आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे अहम दस्तावेज फर्जी तरीके से बनवाए थे, जबकि वह भारतीय नागरिक नहीं है। पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
फरहत ने खुद को परिवार की मुखिया बताते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे। ये सभी दस्तावेज भारत की नागरिकता प्राप्त किए बिना बनवाए गए थे, जो कानून के अनुसार अवैध है।
1961 में आई थी भारत, बरेली में की शादी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फरहत सुल्ताना अपनी मां के साथ साल 1961 में अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत आई थी। इसके बाद उसने बरेली निवासी शाहिद खलील से शादी कर ली और यहीं की होकर रह गई।
लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रही थी महिला
फरहत वर्तमान में लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत में रह रही थी, जिसकी वैधता 13 जुलाई 2025 तक है। लेकिन इस वीजा के आधार पर वह न तो आधार कार्ड बनवा सकती है और न ही राशन कार्ड।
थाना बारादरी के सूफी टोला का मामला
यह पूरा मामला थाना बारादरी क्षेत्र के सूफी टोला का है। पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि महिला की उम्र 60 साल से अधिक है और जांच की जा रही है कि उसने दस्तावेज किस प्रक्रिया से और किनकी मदद से बनवाए।
रोहिंग्या और बांग्लादेशियों पर भी नजर
बरेली पुलिस इस समय क्षेत्र में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर सघन सर्च ऑपरेशन चला रही है। इसी अभियान के दौरान यह मामला सामने आया। अब फरहत सुल्ताना के दस्तावेजों के साथ-साथ अन्य संदिग्ध नागरिकों की भी जांच तेज कर दी गई है।
कराची टू बरेली कहानी का सच
पाकिस्तानी महिला फरहत सुल्ताना की पहचान
फर्जी दस्तावेज बनवाने पर केस दर्ज क्या गया
नागरिकता के दस्तावेजों की गहन जांच जारी
ऑपरेशन सर्च के तहत पुलिस का सख्त एक्शन
फरहत का मामला बरेली ही नहीं, देशभर के फर्जी दस्तावेज मामलों पर भी सवाल खड़ा करता है। यह देखना अहम होगा कि जांच किस दिशा में जाती है और क्या अन्य ऐसे मामले भी उजागर होते हैं।
HNI REPORT